कुबेर चालीसा भगवान कुबेर की महिमा का वर्णन करती है, जो धन और समृद्धि के देवता हैं। यह विशेष रूप से धन की प्राप्ति और आर्थिक समृद्धि के लिए पूजा के समय, जैसे शुक्रवार या धनतेरस पर, गाई जाती है।
Kuber Chalisa Lyrics
॥ दोहा ॥
जैसे अटल हिमालय,
और जैसे अडिग सुमेर ।
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पे,
अविचल खडे कुबेर ॥
विघ्न हरण मंगल करण,
सुनो शरणागत की टेर ।
भक्त हेतु वितरण करो,
धन माया के ढेर ॥
॥ चौपाई ॥
जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी ।
धन माया के तुम अधिकारी ॥
तप तेज पुंज निर्भय भय हारी ।
पवन वेग सम सम तनु बलधारी ॥
स्वर्ग द्वार की करें पहरे दारी ।
सेवक इंद्र देव के आज्ञाकारी ॥
यक्ष यक्षणी की है सेना भारी ।
सेनापति बने युद्ध में धनुधारी ॥4॥
महा योद्धा बन शस्त्र धारैं ।
युद्ध करैं शत्रु को मारैं ॥
सदा विजयी कभी ना हारैं ।
भगत जनों के संकट टारैं ॥
प्रपितामह हैं स्वयं विधाता ।
पुलिस्ता वंश के जन्म विख्याता ॥
विश्रवा पिता इडविडा जी माता ।
विभीषण भगत आपके भ्राता ॥8॥
शिव चरणों में जब ध्यान लगाया ।
घोर तपस्या करी तन को सुखाया ॥
शिव वरदान मिले देवत्य पाया ।
अमृत पान करी अमर हुई काया ॥
धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में ।
देवी देवता सब फिरैं साथ में ॥
पीताम्बर वस्त्र पहने गात में ।
बल शक्ति पूरी यक्ष जात में ॥12॥
स्वर्ण सिंहासन आप विराजैं ।
त्रिशूल गदा हाथ में साजैं ॥
शंख मृदंग नगारे बाजैं ।
गंधर्व राग मधुर स्वर गाजैं ॥
चौंसठ योगनी मंगल गावैं ।
ऋद्धि-सिद्धि नित भोग लगावैं ॥
दास दासनी सिर छत्र फिरावैं ।
यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढूलावैं ॥16॥
ऋषियों में जैसे परशुराम बली हैं ।
देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं ॥
पुरुषों में जैसे भीम बली हैं ।
यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं ॥
भगतों में जैसे प्रहलाद बड़े हैं ।
पक्षियों में जैसे गरुड़ बड़े हैं ॥
नागों में जैसे शेष बड़े हैं ।
वैसे ही भगत कुबेर बड़े हैं ॥20॥
कांधे धनुष हाथ में भाला ।
गले फूलों की पहनी माला ॥
स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला ।
दूर-दूर तक होए उजाला ॥
कुबेर देव को जो मन में धारे ।
सदा विजय हो कभी न हारे ॥
बिगड़े काम बन जाएं सारे ।
अन्न धन के रहें भरे भण्डारे ॥24॥
कुबेर गरीब को आप उभारैं ।
कुबेर कर्ज को शीघ्र उतारैं ॥
कुबेर भगत के संकट टारैं ।
कुबेर शत्रु को क्षण में मारैं ॥
शीघ्र धनी जो होना चाहे ।
क्युं नहीं यक्ष कुबेर मनाएं ॥
यह पाठ जो पढ़े पढ़ाएं ।
दिन दुगना व्यापार बढ़ाएं ॥28॥
भूत प्रेत को कुबेर भगावैं ।
अड़े काम को कुबेर बनावैं ॥
रोग शोक को कुबेर नशावैं ।
कलंक कोढ़ को कुबेर हटावैं ॥
कुबेर चढ़े को और चढ़ादे ।
कुबेर गिरे को पुन: उठा दे ॥
कुबेर भाग्य को तुरंत जगा दे ।
कुबेर भूले को राह बता दे ॥32॥
प्यासे की प्यास कुबेर बुझा दे ।
भूखे की भूख कुबेर मिटा दे ॥
रोगी का रोग कुबेर घटा दे ।
दुखिया का दुख कुबेर छुटा दे ॥
बांझ की गोद कुबेर भरा दे ।
कारोबार को कुबेर बढ़ा दे ॥
कारागार से कुबेर छुड़ा दे ।
चोर ठगों से कुबेर बचा दे ॥36॥
कोर्ट केस में कुबेर जितावै ।
जो कुबेर को मन में ध्यावै ॥
चुनाव में जीत कुबेर करावैं ।
मंत्री पद पर कुबेर बिठावैं ॥
पाठ करे जो नित मन लाई ।
उसकी कला हो सदा सवाई ॥
जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई ।
उसका जीवन चले सुखदाई ॥40॥
जो कुबेर का पाठ करावै ।
उसका बेड़ा पार लगावै ॥
उजड़े घर को पुन: बसावै ।
शत्रु को भी मित्र बनावै ॥
सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई ।
सब सुख भोद पदार्थ पाई ॥
प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई ।
मानस परिवार कुबेर कीर्ति गाई ॥44॥
॥ दोहा ॥
शिव भक्तों में अग्रणी,
श्री यक्षराज कुबेर ।
हृदय में ज्ञान प्रकाश भर,
कर दो दूर अंधेर ॥
कर दो दूर अंधेर अब,
जरा करो ना देर ।
शरण पड़ा हूं आपकी,
दया की दृष्टि फेर ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ॥
Kuber Chalisa In English
॥ Doha ॥
Jaise Atal Himalay,
Aur Jaise Adig Sumer ।
Aise Hi Swarg Dwar Pe,
Avichal Khade Kuber ॥
Vighna Haran Mangal Karan,
Suno Sharanagat Ki Ter ।
Bhakt Hetu Vitaran Karo,
Dhan Maya Ke Dher ॥
॥ Chaupai ॥
Jai Jai Jai Shri Kuber Bhandari ।
Dhan Maya Ke Tum Adhikari ॥
Tap Tej Punj Nirbhay Bhay Hari ।
Pavan Veg Sam Sam Tanu Baladhari ॥
Swarg Dwar Ki Karen Pahare Dari ।
Sevak Indra Dev Ke Agyakari ॥
Yaksha Yakshani Ki Hai Sena Bhari ।
Senapati Bane Yuddh Mein Dhanudhari ॥ 4 ॥
Maha Yodha Ban Shastra Dharain ।
Yuddh Karain Shatru Ko Marain ॥
Sada Vijayi Kabhi Na Harain ।
Bhagat Janon Ke Sankat Tarain ॥
Prapitamah Hain Svayan Vidhata ।
Pulista Vansh Ke Janm Vikhyata ॥
Vishrava Pita Idavida Ji Mata ।
Vibhishan Bhagat Apake Bhrata ॥ 8 ॥
Shiv Charanon Mein Jab Dhyan Lagaya ।
Ghor Tapasya Kari Tan Ko Sukhaya ॥
Shiv Varadan Mile Devaty Paya ।
AmrIt Pan Kari Amar Hui Kaya ॥
Dharm Dhvaja Sada Lie Hath Mein ।
Devi Devata Sab Phirain Sath Mein ॥
Pitambar Vastra Pahne Gat Mein ।
Bal Shakti Poori Yaksh Jat Mein ॥ 12 ॥
Svarn Sinhasan Aap Virajain ।
Trishool Gada Hath Mein Sajain ॥
Shankh Mridang Nagare Bajain ।
Gandharv Rag Madhur Svar Gajain ॥
Chausath Yogini Mangal Gavain ।
Riddhi-siddhi Nit Bhog Lagavain ॥
Daas Dasani Sir Chhatr Phiravain ।
Yaksha Yakshini Mil Chanvar Dhoolavain ॥ 16 ॥
Rishiyon Mein Jaise Parashuram Bali Hain ।
Devanh Mein Jaise Hanuman Bali Hain ॥
Purushon Mein Jaise Bhim Bali Hain ।
Yakshon Mein Aise Hi Kuber Bali Hain ॥
Bhagaton Mein Jaise Prahalad Bade Hain ।
Pakshiyon Mein Jaise Garud Bade Hain ॥
Nagon Mein Jaise Shesh Bade Hain ।
Vaise Hi Bhagat Kuber Bade Hain ॥ 20 ॥
Kandhe Dhanush Hath Mein Bhala ।
Gale Phoolon Ki Pahani Mala ॥
Swarn Mukut Aru Deh Vishala ।
Door-door Tak Hoe Ujala ॥
Kuber Dev Ko Jo Man Mein Dhare ।
Sada Vijay Ho Kabhi Na Hare ॥
Bigde Kam Ban Jaen Sare ।
Ann Dhan Ke Rahen Bhare Bhandare ॥ 24 ॥
Kuber Garib Ko Aap Ubharain ।
Kuber Karz Ko Shighra Utarain ॥
Kuber Bhagat Ke Sankat Tarain ।
Kuber Shatru Ko Kshan Mein Marain ॥
Shighr Dhani Jo Hona Chahe ।
Kyun Nahin Yaksh Kuber Manaen ॥
Yah Path Jo Padhe Padhaen ।
Din Dugana Vyapar Badhaen ॥ 28 ॥
Bhoot Pret Ko Kuber Bhagavain ।
Ade Kaam Ko Kuber Banavain ॥
Rog Shok Ko Kuber Nashavain ।
Kalank Kodh Ko Kuber Hatavain ॥
Kuber Chadhe Ko Aur Chadhade ।
Kuber Gire Ko Pun: Utha De ॥
Kuber Bhagya Ko Turant Jaga De ।
Kuber Bhoole Ko Raah Bata De ॥ 32 ॥
Pyase Ki Pyas Kuber Bujha De ।
Bhookhe Ki Bhookh Kuber Mita De ॥
Rogi Ka Rog Kuber Ghata De ।
Dukhiya Ka Dukh Kuber Chhuta De ॥
Banjh Ki God Kuber Bhara De ।
Karobar Ko Kuber Badha De ॥
Karagar Se Kuber Chhuda De ।
Chor Thagon Se Kuber Bacha De ॥ 36 ॥
Kort Kes Mein Kuber Jitavai ।
Jo Kuber Ko Man Mein Dhyavai ॥
Chunav Mein Jit Kuber Karavain ।
Mantri Pad Par Kuber Bithavain ॥
Path Kare Jo Nit Man Lai ।
Usaki Kala Ho Sada Savai ॥
Jispe Prasann Kuber Ki Mai ।
Uska Jeevan Chale Sukhadai ॥ 40 ॥
Jo Kuber Ka Path Karavai ।
Uska Beda Par Lagavai ॥
Ujde Ghar Ko Pun: Basavai ।
Shatru Ko Bhi Mitr Banavai ॥
Sahastr Pustak Jo Dan Karai ।
Sab Sukh Bhod Padarth Pai ॥
Pran Tyag Kar Svarg Mein Jai ।
Manas Parivar Kuber Keerti Gai ॥ 44 ॥
॥ Doha ॥
Shiv Bhakton Mein Agrani,
Shri Yaksharaj Kuber ।
Hrday Mein Gyan Prakash Bhar,
Kar Do Door Andher ॥
Kar Do Door Andher Ab,
Jara Karo Na Der ।
Sharan Pada Hoon Apaki,
Daya Ki Drishti Pher ॥
Nitt Nem Kar Pratah Hi,
Path Karaun Chalisa ।
Tum Meri Manokamna,
Poorn Karo Jagadish ॥
Magasar Chhathi Hemant Rtu,
Sanwat Chausath Jaan ।
Astuti Chalisa Shivahi,
Poorn Kin Kalyan ॥
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