धन्वंतरि आरती भगवान धन्वंतरि, आयुर्वेद के देवता, की महिमा का बखान करती है, जो स्वास्थ्य और चिकित्सा के प्रतीक हैं। यह आमतौर पर आयुर्वेद दिवस, धनतेरस या अन्य विशेष अवसरों पर, शाम की पूजा के दौरान की जाती है।

Dhanvantari Arti Lyrics

जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।

भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।

धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।

Video

Kuber Chalisa Lyrics

Shri Kuber Aarti Lyrics

Shri Kuber 108 Names Lyrics

Follow me on Blogarama

By Admin